बॉलीवुड की ऐसी कई फिल्में रही हैं जिनके मेकर्स को उनसे काफी उम्मीदें रहती हैं, लेकिन बॉक्स ऑफस पर रिलीज होते ही वह फिल्में बुरी तरह से फ्लॉप हो जाती ह
बॉलीवुड की ऐसी कई फिल्में रही हैं जिनके मेकर्स को उनसे काफी उम्मीदें रहती हैं, लेकिन बॉक्स ऑफस पर रिलीज होते ही वह फिल्में बुरी तरह से फ्लॉप हो जाती हैं। ऐसी ही बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन और सोनम कपूर की फिल्म दिल्ली-6 भी रही है। यह फिल्म साल 2009 में आई थी। इस फिल्म का निर्देशन सुपरहिट ‘रंग दे बसंती’ के निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने किया था। इस फिल्म से निर्देशक को काफी उम्मीदें रही थीं, लेकिन दिल्ली-6 सिनेमाघरों में फ्लॉप साबित हुई थी।
इस फिल्म के फ्लॉप होने पर अब राकेश ओमप्रकाश ने अपना दर्द बयां किया है। हाल ही में राकेश ओमप्रकाश मेहरा की ऑटोबायोग्राफी ‘द स्ट्रेंजर इन द मीरर’ (The Stranger In The Mirror) रिलीज हुई है। इस किताब को रीता राममूर्ति गुप्ता ने लिखा है। इस किताब में दिग्गज निर्देशन के करियर से लेकर जिंदगी से हर तरह से उतार-चढ़ाव के बारे में बताया है।
राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने अपने किताब में जिक्र किया है कि फिल्म दिल्ली-6 के फ्लॉप होने पर वह अंदर से काफी टूट गए थे। इतना ही नहीं इस फिल्म के फ्लॉप होने के बाद राकेश ओमप्रकाश मेहरा शराब में इतना डूब गए थे कि खुद को खत्म करना चाहते थे। राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने अपनी किताब में लिखा है कि दिल्ली-6 के फ्लॉप होने के बाद वह 6 महीने तक शराब पीने में डूब गए थे।
द स्ट्रेंजर इन द मीरर’ में राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने कहा, ‘फिल्म ने शुक्रवार, 20 फरवरी 2009 को शानदार प्रतिक्रिया के साथ शुरुआत की। रविवार तक, हमने ₹40 करोड़ से ज्यादा का कारोबार कर लिया था, लेकिन फिर सोमवार आया, और दर्शक सिनेमाघरों से गायब हो गए। मैं बरबाद हो गया था। बॉक्स ऑफिस पर हार और उसके साथ मेरे अपने संघर्ष ने मुझे गहराई से झकझोर दिया था। मुझसे महसूस होने लगा कि क्या मैं लगातार बेहतरीन सिनेमा बनाने में सक्षम था? क्या रंग दे बसंती एक ढोंगी थी?’
ओमप्रकाश मेहरा ने किताब ‘द स्ट्रेंजर इन द मीरर’ में दिल्ली-6 को लेकर आलोचकों की प्रतिक्रिया का भी जिक्र किया है। उन्होंने किताब के जरिए बताया है कि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलने लगी थीं। ओमप्रकाश मेहरा ने किताब में कहा, ‘मैं एक अंधेरे में जा रहा था। मैं अपनी असफलता को स्वीकार करने में असमर्थ था, मैंने खुद को शराब में डुबो दिया था और मैं मेरी मौत तक पीना चाहता था।’
दिग्गज निर्देशन ने किताब में आगे लिखा, ‘मैं कभी न उठने के लिए सोना चाहता था। मैं मेरी पत्नी और हमारी बेटी को दर्द दे रहा था। हमारे बीच चीजें खराब हो रही थीं। मैं उन लोगों के प्रति लापरवाह और असंवेदनशील रहा जिन्हें मैं सबसे ज्यादा प्यार करता था।’ फिल्म ओमप्रकाश मेहरा ने बताया है कि उनकी पत्नी ने फिल्म की असफलता का कारण जानने में मदद की और छह महीने बाद, वह जाग गए और फिल्म के सिनेमेटोग्राफर बिनोद प्रधान को बुलाया।
उन्होंने ओमप्रकाश को फिल्म की कहानी की मूल स्क्रिप्ट के बारे में बताया, जिसमें अभिषेक बच्चन के किरदार को पीट-पीटकर मार डाला जाता है, जो कि सिनेमाघरों में जारी संस्करण में प्रदर्शित होता है। दोनों ने फिल्म के अंत में फिर से काम किया और फिल्म को वेनिस फिल्म फेस्टिवल में भेजा, जहां इस फिल्म को खूब सराहा गया। असफलता के बावजूद, दिल्ली-6 ने उस वर्ष दो राष्ट्रीय पुरस्कार जीते थे। एक सर्वश्रेष्ठ प्रोड्क्शन डिजाइन और सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार।