दिवंगत संगीतकार वाजिद खान की पत्नी का आरोप- ससुराल वालों ने धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया

HomeLife Style

दिवंगत संगीतकार वाजिद खान की पत्नी का आरोप- ससुराल वालों ने धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया

लव जिहाद पर इन दिनों काफी बहस हो रही है। इस बीच दिवंगत संगीतकार वाजिद खान की पत्नी कमलरुख ने यह आरोप लगाया है कि उन्हें वाजिद के घर वाले जरबदस्ती धर्म

Sunny Leone ने फोटो शेयर कर फैंस को किया मोटिवेट, लिखा- ‘हर स्थिति में अपना बेस्ट दो!
जानिए, कैसी हैं अमिताभ की जीवन शैली
Malaika Arora और Arjun की नजदीकियों के बीच Ex पति Arbaaz Khan ने भेजा खास तोहफा

लव जिहाद पर इन दिनों काफी बहस हो रही है। इस बीच दिवंगत संगीतकार वाजिद खान की पत्नी कमलरुख ने यह आरोप लगाया है कि उन्हें वाजिद के घर वाले जरबदस्ती धर्म परिवर्तन करने का दवाब बना रहे हैं। इस मामले में अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी प्रतिक्रिया दी है और पीएमओ के कुछ सवाल पूछे हैं।

कंगना ने इस मसले पर कई ट्वीट किए हैं। वह लिखती हैं, “इस देश में पारसी सही में अल्पसंख्यक हैं। वह देश पर कब्जा करने नहीं आए थे वह तो तलाश में आए थे और उन्होंने बहुत आराम से भारत माता का प्यार मांगा था। हमारे देश की सुंदरता, वृद्धि और आर्थिक मामलों में उनकी छोटी सी जनसंख्या ने बहुत बड़ा योगदान दिया है।

कंगना कमलरुख के लिए लिखती हैं – “यह मेरे दोस्त की विधवा हैं जिन्हें परिवार परेशान कर रहा है। मैं पीएमो से पूछना चाहती हूं कि अल्पसंख्यक लोग जो ड्रामा नहीं करते, किसी का सिर कलम नहीं करते, दंगे और धर्म-परिवर्तन नहीं करते, उन्हें हम कैसे सुरक्षा दे रहे हैं? पारसियों की कम होती संख्या भारत के कैरेक्टर के बारे में बड़ा खुलासा करती है।”

कंगना लिखती हैं- “मां का वो बच्चा जो सबसे ज्यादा ड्रामा करता है उसे अटेंशन और फायदे मिलते हैं और जो ये सब पाने के लायक है उसे कुछ नहीं मिलता। हमें सोचने की जरूरत है। #anticonversionbill “

क्या कहा है कमलरुख ने?
कमलरुख ने अपनी पोस्ट में लिखा है, “मेरा नाम कमलरुख है। मैं दिवंगत म्यूजिक डायरेक्टर वाजिद खान की पत्नी हूं। मेरे पति और मैं शादी करने से पहले 10 साल तक अफेयर में थे। मैं पारसी हूं और वे मुस्लिम थे। हमें आप कॉलेज स्वीटहार्ट कह सकते हैं। हमने स्पेशल मैरिज एक्ट (एक ऐसा एक्ट जिसके तहत आप दूसरे धर्म में शादी कर सकते हैं) के तहत शादी की थी।”

कमलरुख आगे लिखती हैं, “मैं अपनी इंटर-कास्ट मैरिज अनुभव साझा करना चाहती हूं।।।इस दौर और उम्र में कैसे एक महिला पूर्वाग्रह का सामना कर सकती है। धर्म के नाम पर तकलीफ देना और भेदभाव करना शर्मनाक और आंखें खोलने वाला है।”