बॉलीवुड एक्ट्रेस अलंकृता सहाय ने एक पंजाबी फिल्म से बाहर होने का फैसला किया है. अलंकृता सहाय ने यह फैसला फिल्म के प्रोड्यूसर के उनके साथ खराब व्यवहार
बॉलीवुड एक्ट्रेस अलंकृता सहाय ने एक पंजाबी फिल्म से बाहर होने का फैसला किया है. अलंकृता सहाय ने यह फैसला फिल्म के प्रोड्यूसर के उनके साथ खराब व्यवहार और भद्दी टिप्पणी की वजह से लिया है.अलंकृता की इस पंजाबी फिल्म का नाम फुफ्फड़ जी था. इससे वह पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में अपना डेब्यू करने जा रही थीं. हालांकि खराब परिस्थितियों के चलते उन्होंने इस फिल्म को बीच में ही छोड़ दिया है.
प्रोड्यूसर की ओर से खराब व्यवहार दिखाने पर अलंकृता सहाय ने फिल्म को छोड़ा. उन्होंने बातचीत में कहा, ‘बाकी टीम अच्छी थी, लेकिन प्रोड्यूसर्स में से एक गैर-पेशेवर और अनैतिक था, और मैं पंजाब में अपनी पहली फिल्म नहीं कर सकती थी.
उन्होंने कहा, ‘मैंने अब तक कई प्रोड्यूसर्स और लोगों के साथ काम किया है, और वे सभी अद्भुत रहे हैं. मैंने ऐसा अनुभव पहले कभी नहीं किया था.’ 27 साल की अलंकृता सहाय का कहना है कि यह सब पेशेवर मतभेदों के साथ शुरू हुआ था. फिर एक समय ऐसा आया जब वह निर्माता के साथ काम नहीं कर पा रही थीं, क्योंकि उन्होंने सीमा पार कर दी थी.
अलंकृता सहाय ने कहा, ‘किसी को भी सीमा पार नहीं करनी चाहिए, भले ही वह जुबानी तौर पर ही क्यों ना हो. अगर आप मेरे बारे में भद्दी और अनुचित बातें करते हैं तो मैं इसे क्यों बर्दाश्त करूंगी? एक महिला होने के नाते, मेरा स्वाभिमान मेरे लिए सब कुछ है, और मैं इसकी रक्षा करूंगी चाहे कुछ भी हो जाए. वह शख्स कच्चा और नैतिक रूप से कठोर है.
अलंकृता ने आगे कहा, ‘कोई भी उनके पास मौजूद पैसे और शक्ति का दुरुपयोग नहीं कर सकता और मेरे साथ सीमाएं नहीं लांघ सकता है. उसने मेरी जिंदगी को काफी खराब बना दिया था. यह उत्पीड़न था और मुझे ठोस कदम उठाना ही पड़ा
जब अलंकृता सहाय से पूछा गया कि क्या वह इस मामले को लेकर पुलिस के पास जाएंगी तो उन्होंने बताया कि उनकी मुलाकात प्रोड्यूसर से नहीं हुई थी, जो कि अच्छी बात है. यह सारा मामला मैसेज पर हुआ है.अलंकृता सहाय ने कहा, ‘वह अजीब मैसेज थे और मैसेज और फोन कॉल्स पर ही मुझसे बुरा व्यवहार किया गया. मैं नहीं चाहती थी कि यह #MeToo का केस बन जाए. यह वो केस नहीं है. यह दुराचार का मामला