भारतीय टेलीविजन की जब भी बात होती है दूरदर्शन का जिक्र जरूर आता है। और जब दूरदर्शन का जिक्र होता है तो रामायण और महाभारत जैसे अमर धारावाहिक इत्र की तर
भारतीय टेलीविजन की जब भी बात होती है दूरदर्शन का जिक्र जरूर आता है। और जब दूरदर्शन का जिक्र होता है तो रामायण और महाभारत जैसे अमर धारावाहिक इत्र की तरह महकते हैं। इनकी खुशबू तीन दशकों बाद आज भी दर्शकों के जहन में बरकरार है। इन टीवी सीरियल्स ने लोगों के मन पर अमिट छाप छोड़ी और मनोरंजन को एक आला मुकाम हासिल करवाया।
पिछले साल कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन में दूरदर्शन ने एक बार फिर से ऐसे धारावाहिकों का दर्शन करवाया। तीन दशकों के बाद महाभारत पर्दे पर लौटा। इतने सालों तक अपनी चमक बरकार रखने वाले महाभारत में बहुत कुछ ऐसा खास था, जिसने एक से बढ़कर एक धारावाहिकों की भीड़ में भी लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर लिया था।
किसी भी कहानी को पर्दे पर उतारने के लिए उसके किरदार बहुत अहम होते हैं। महाभारत के किरदारों ने भी ऐसा ही किया था। उन्होंने अपनी शानदार अभिनय प्रतिभा से लोगों का मन जीता था। लेकिन आपमें से कई लोग होंगे, जो सोचते होंगे कि इन किरदारों का चयन कैसे हुआ? क्या पहली बार में ही सेलेक्ट हो गए? या कई लोगों को बदला भी गया? तो आपको बता दें कि महाभारत के लिए 5000 लोगों के ऑडीशन लिए गए थे।
इससे जुड़ा एक ऐसा ही किस्सा हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री चूही चावला का नाम भी महाभारत से जुड़ता है। दरअसल, जूही को द्रौपदी का रोल ऑफर किया गया था। लेकिन उस वक्त उन्हें बॉलीवुड की हिट फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ में कास्ट किया गया। 1988 की फिल्म में वह आमिर खान की लीड हिरोइन थीं। इस वजह से जूही ने उस समय सिल्वर स्क्रीन को ज्यादा तरजीह दी और यह मौका रूपा गांगुली की झोली में चला गया।