दकियानूसी मानसिकता पर सीधा प्रहार है महिलाओं के हित में आवाज उठाती ये बॉलीवुड फिल्में

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दकियानूसी मानसिकता पर सीधा प्रहार है महिलाओं के हित में आवाज उठाती ये बॉलीवुड फिल्में

पिछले कुछ समय से बॉलीवुड एक्ट्रेस की जो नई बेल्ट आई है उसने फिल्मों के जरिए महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. तापसी पन्नू, स्व

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पिछले कुछ समय से बॉलीवुड एक्ट्रेस की जो नई बेल्ट आई है उसने फिल्मों के जरिए महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. तापसी पन्नू, स्वरा भास्कर, कंगना रनौत और भूमि पेडनेकर जैसी एक्ट्रेस आज लड़कियों के लिए एक रोल मॉडल के तौर पर सामने आई हैं.

देशभर में महिलाओं की समानता और उनके अधिकारों के लिए खूब सारे जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं और भी ज्यादा ऐसे अभियानों को चलाए जाने की जरूरत है ताकि लोगों के बीच गलत तरह से परिभाषित हुई महिलाओं की छवि को बदला जा सके. इस क्रम में फिल्में भी अहम रोल प्ले करती हैं. महिलाओं के हित में वक्त-वक्त पर बॉलीवुड में शानदार फिल्में बनती आई हैं. मगर पिछले कुछ समय से बॉलीवुड एक्ट्रेस की जो नई बेल्ट आई है उसने फिल्मों के जरिए महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.

तापसी पन्नू, स्वरा भास्कर, कंगना रनौत और भूमि पेडनेकर जैसी एक्ट्रेस आज लड़कियों के लिए एक रोल मॉडल के तौर पर सामने आई हैं.

इंटरनेशनल वुमन डे के मौके पर हम बता रहे हैं बॉलीवुड में बनी उन फिल्मों के बारे में जिन्होंने महिलाओं के प्रति समाज में फैली दकियानूसी मानसिकता को कम करने में अहम रोल प्ले किया है.

अनारकली ऑफ आरा- हमारे देश में जब महिलाओं को आम घरों में इतनी सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है तो जरा सोचिए कि एक नाचनेवाली के जीवन में क्या चुनैतियां होंगी जिसे समाज हमेशा से एक नीची दृष्टि से देखता आया है. उसे हर रोज अपना प्रोफेशन लोगों को जस्टिफाई करना पड़ता है ताकि समाज में उसकी छवि सुधर सके. और ये समाज पहले तो नाचने वाली महिलाओं के मनोरंजन का आनंद उठाता है उसके बाद उसके साथ शोषण करता है. स्वारा भास्कर की इस फिल्म में भी एक नाचने वाली महिला के जीवन के संघर्ष के बारे में बताया गया है.