Sanjay Mishra फ़िल्म "ऑल द बेस्ट" का वो डाइलॉग तो आपको याद ही होगा "ढोन्धु जस्ट चिल्ल" आ गई न पूरी फ़िल्म आँखों के सामने। जी हाँ हम बात कर संजय मिश्रा
Sanjay Mishra फ़िल्म “ऑल द बेस्ट” का वो डाइलॉग तो आपको याद ही होगा “ढोन्धु जस्ट चिल्ल” आ गई न पूरी फ़िल्म आँखों के सामने।
जी हाँ हम बात कर संजय मिश्रा (Sanjay Mishra) जी की एक हस्य कलाकार के रूप में हम सभी इनसे परिचित हैं, पर क्या आप जानते हैं इनके जीवन से जुड़े उतार चढ़ाव के बारे में, आइये जानते हैं ऐसी ही कुछ बातें ।
संजय मिश्रा का जन्म 6 अक्टूबर 1963 में दरभंगा बिहार में हुआ था। इनके पिता शम्भुनाथ मिश्रा एक पत्रकार थे। संजय ने अपनी शिक्षा वाराणसी के केंद्र विद्यालय से पूरी की इसके बाद स्नातक किया और राष्ट्रीय ड्रामा स्कूल में प्रवेश ले लिया।
इनकी पत्नी का नाम किरण मिश्रा है,यह दो बच्चों के पिता हैं, बेटा पल मिश्रा और बेटी लम्हा मिश्रा। इन्होंने अधिकतर हिंदी फिल्मों तथा टेलीविजन के लिए काम किया। 2015 में इन्हें फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला था।
आज इतना नाम हासिल करने वाले संजय के जीवन में वह दौर भी आया था,जब वो एक्टिंग छोड़ कर ऋषिकेश चले गए थे,और एक ढाबे पर काम करने लगे थे। ये वो वक़्त था जब इनके पिता का निधन हो गया था। पिता के मृत्यु ने इन्हें अकेला कर दिया था, इनका मन कहीं नही लग रहा था तब इन्होंने एक्टिंग छोड़ दी थी। निराशा में घिरे संजय घर भी छोड़ चुके थे और ढाबे में काम करने लगे थे। तब रोहित शेट्टी उन्हें फिल्मों में उन्हें वापस लेकर आये। इसमें बाद शुरू हुई संजय की सफलता का सिलसिला। इसके बाद संजय ने पीछे मुड़ कर नही देखा।
कभी मुफलिसी के दिन बिताने वाले संजय के पास आज लक्जरी गाड़ियां हैं,पटना और मुम्बई में कई घर हैं, और आज संजय करीब 3 मिलियन यानी 20 करोड़ के मालिक हैं।
लेखिका: शाम्भवी मिश्रा
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