टीवी इंडस्ट्री के लोकप्रिय अभिनेता सुधांशु पांडे (Sudhanshu Pandey) इन दिनों फेमस सीरियल 'अनुपमा' में वनराज शाह की भूमिका निभा रहे हैं। बीते दिनों इस
टीवी इंडस्ट्री के लोकप्रिय अभिनेता सुधांशु पांडे (Sudhanshu Pandey) इन दिनों फेमस सीरियल ‘अनुपमा’ में वनराज शाह की भूमिका निभा रहे हैं। बीते दिनों इस शो में वनराज-काव्य की शादी से लेकर अनुपमा की सर्जरी समेत कई ट्विस्ट देखने को मिले। इसके अलावा ‘अनुपमा’ (Anupamaa) सीरियल में टीवी एक्टर अपूर्वा अग्निहोत्री की एंट्री डॉ अद्वैत के रूप में हुई थी। शो में अपूर्वा अग्निहोत्री के किरदार की अवधि को समाप्त कर दिया है और अब वो शो का हिस्सा नहीं हैं। ऐसे में सुधांशु पांडे ने अपने दोस्त और को-स्टार अपूर्वा अग्निहोत्री (Apurva Agnihotri) की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके शो से बाहर होने से बहुत दुखी हूं।
सुधांशु पांडे ने कहा, ‘जब मुझे पता चला कि अपूर्वा हमारे साथ शो में शामिल हो रहे है तो मैं बेहद खुश था क्योंकि मेरे दिल में अप्पू के लिए एक खास जगह है। वह एक अच्छा इंसान हैं और जिस तरह से मैं हूं वह बेहद आध्यात्मिक भी हैं। वो शांत और रिलैक्स को-स्टार हैं। वह इतने शांत हैं कि आप उनके आस-पास बहुत अच्छा महसूस करते हैं। उनकी वाइब और उनकी एनर्जी इतनी पॉजिटिव है कि उनके साथ काम करना बहुत अच्छा था।’
अभिनेता ने आगे कहा, ‘हम पहले से दोस्त थे लेकिन हम एक आउटडोर शूट पर थे इसलिए हमें एक साथ जयादा समय बिताने का मौका नहीं मिला। हम दोनों के कुछ चीजें एक जैसी हैं, फिर चाहे वह सिंगिंग हो या हमारे पसंदीदा सिंगर किशोर दा हों या आध्यात्मिकता। इसलिए किसी ऐसे व्यक्ति के साथ होना हमेशा अच्छा होता है आपकी चीजों को समझे और आप दोनों के बीच खूब सारी बातचीत हो। इसलिए हमने हमेशा अपने समय को एक साथ संजोया है।’
अपूर्वा का ट्रैक हाल ही में शो में समाप्त हुआ है। ऐसे में अपूर्वा के शो से बाहर होने पर पूरी स्टारकास्ट और क्रू मेंबर्स काफी इमोशनल हो गए थे। इस बारे में बात करते हुए सुधांशु ने कहा, ‘शो में अपूर्वा का ट्रैक अभी समाप्त हुआ है और अगर यह लंबे समय तक जारी रहता तो मुझे अच्छा लगता। एक को-स्टार के तौर पर उनकी कंपनी काफी अच्छी थी। मैं उनके जाने से परेशान हूं लेकिन हम एक ही बिल्डिंग में रहते हैं इसलिए अच्छी बात यह है कि हम एक-दूसरे से कभी भी मिल सकते हैं और हमें एक-दूसरे को फोन करने और आध्यात्मिक चर्चा करने की स्वतंत्रता है।’