हिंदी सिनेमा में चार दशक से काम कर रहे एक्टर शरत सक्सेना अपनी निगेटिव रोल्स के लिए जाने जाते हैं. अपने करियर के शुरुआती दिनों में शरत ने कई फिल्मों
हिंदी सिनेमा में चार दशक से काम कर रहे एक्टर शरत सक्सेना अपनी निगेटिव रोल्स के लिए जाने जाते हैं. अपने करियर के शुरुआती दिनों में शरत ने कई फिल्मों में विलेन का सपोर्टिंग रोल प्ले किया है, लेकिन आज भी बॉलीवुड में उनकी कुछ खास पहचान नहीं बन पाई है. वहीं दूसरी ओर शरत के समकालीन एक्टर अमिताभ बच्चन आज बॉलीवुड के शहंशाह हैं. अपनी इसी पहचान और काम ना मिलने की परेशानी पर शरत सक्सेना ने खुलकर बात की है.
शरत सक्सेना ने कहा कि सीनियर एक्टर्स के लिए जितने भी अच्छे रोल लिखे जाते हैं वे सब अमिताभ को ऑफर किए जाते हैं. शरत कहते हैं ‘फिल्म इंडस्ट्री यंग लोगों की है, बुजुर्ग लोगों की यहां जरूरत नहीं है. बदकिस्मती से ही कहें, हम मर भी नहीं जा रहे हैं. हम अभी भी जिंदा हैं और काम ढूंढ रहे हैं. इंडस्ट्री में सीनियर्स के लिए कितने रोल लिखे जाते हैं? जितने अच्छे रोल्स लिखे भी जाते हैं वे सब अमिताभ बच्चन के पास चले जाते हैं.’
‘जितनी बेकार चीजें होती है वे हम जैसे लोगों को बांट दी जाती है. और अधिकांश समय हम उन्हें रिफ्यूज कर देते हैं. तो मेरे जैसे लोगों का काम लगभग शून्य ही होता है.
शरत ने आगे अपनी परेशानी साझा करते हुए ये भी कहा कि जवान दिखने के लिए उन्हें काफी मेहनत मशक्कत भी करनी पड़ती है. वे कहते हैं ’71 की उम्र में मैं रोज दो घंटे वर्कआउट करता हूं, ताकि मैं 25 साल के लड़कों को मात दे सकूं और एक टफ आदमी नजर आऊं. मैं अपने बालों और मूछों को कलर करता हूं. आपने मुझे शेरनी में देखी होगी. मैंने खुद को 50-55 की उम्र का दिखाने की कोशिश की है. नहीं तो मुझे कोई काम नहीं मिलेगा.
शरत सक्सेना हालिया रिलीज फिल्म शेरनी में नजर आए थे. इस फिल्म में विद्या बालन लीड रोल में थीं. शरत ने शेरनी में पोचर का रोल निभाया था. फिल्म को क्रिटिक्स का मिला-जुला रिस्पॉन्स मिला था.