फिल्म ‘The Reluctant Fundamentalist’ में काम कर चुकीं शबाना आजमी ने ट्वीट कर कहा, "रिजवान के इकलौता मुस्लिम होने की बात को क्यों इतना हाइलाइट किया जा
फिल्म ‘The Reluctant Fundamentalist’ में काम कर चुकीं शबाना आजमी ने ट्वीट कर कहा, “रिजवान के इकलौता मुस्लिम होने की बात को क्यों इतना हाइलाइट किया जा रहा है?
93वें ऑस्कर अवॉर्ड के नॉमिनेशन की घोषणा के बाद रिज अहमद के एकेडमी अवॉर्ड में नॉमिनेट होने वाले पहले मुस्लिम शख्स होने की खबर काफी ज्यादा सुर्खियों में रही. अभिनेता ने फिल्म साउंड ऑफ मैटल में अहम किरदार निभाया था. हालांकि दिग्गज अभिनेत्री शबाना आजमी इस बात से इत्तेफाक नहीं रखती नजर आईं.
फिल्म ‘The Reluctant Fundamentalist’ में काम कर चुकीं शबाना आजमी ने ट्वीट कर कहा, “रिजवान के इकलौता मुस्लिम होने की बात को क्यों इतना हाइलाइट किया जा रहा है? वह बहुत कमाल का कलाकार है और मैं चाहूंगी कि वो ऑस्कर जीते क्योंकि ये बहुत ही शानदार परफॉर्मेंस थी. और कोई कारण नहीं है. हालांकि मैं बता दूं कि मैंने भी उसके साथ दो फिल्मों में काम किया है- #BanglaTown Banquet और #Reluctant Fundamentalist.”
नॉमिनेशन्स की घोषणा के बाद अहमद ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके सभी का आभार व्यक्त किया था. उन्होंने लिखा, “वाह! मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि मुझे अपने साथी कलाकारों द्वारा निभाए गए इंस्पायर करने वाले किरदारों के साथ नॉमिनेट किया गया है.” बता दें कि 1982 में लंदन में पैदा हुए रिज के पेरेंट्स पाकिस्तानी हैं. हालांकि रिज का भारत से भी खास रिश्ता है.
रिज अहमद, शेरशाह मोहम्मद सुलेमान के वंशज है. वे ब्रिटिश राज में पहले ऐसे मुस्लिम थे जिन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया था. शेरशाह मोहम्मद उर्दू कविताएं भी लिखते थे और उन्होंने महान वैज्ञानिक एलबर्ट आइंस्टीन की थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी को लेकर भी कुछ आलोचनात्मक लेख लिखे थे.