बॉलीवुड के दद्दू कभी विलेन तो कभी कॉमेडियन बनकर हिट हुए फिल्मी जगत में अपनी छाप छोड़ना कोई बच्चों का काम नहीं। लेकिन जब कोई छाप छोड़ता है तो वह लोगों
बॉलीवुड के दद्दू कभी विलेन तो कभी कॉमेडियन बनकर हिट हुए फिल्मी जगत में अपनी छाप छोड़ना कोई बच्चों का काम नहीं। लेकिन जब कोई छाप छोड़ता है तो वह लोगों के दिलों से कभी नहीं निकलती। ऐसा ही काम किया था फिल्मी कलाकार ओम प्रकाश ने। 60-70 के दशक में तो वो फिल्मों की जान हुआ करते थे। 30साल तक उन्होंने फिल्मों को अपने किरदार से सबका दिल जितने का काम किया।
शादी में मिला पहला ब्रेक बॉलीवुड के दद्दू
ओमप्रकाश जी का जन्म 19 दिसंबर, 1919 को जम्मू में हुआ था। वह प्रतिभा के कितने गुणी थे इस बात का अन्दाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने12 साल की उम्र में क्लासिकल संगीत सीखना शुरू कर दिया था। वह स्टेज पर ज्यादातर‘कमला’ का किरदार अदा करते थे। संगीत के साथ साथ थियेटर और फिल्मों में उनकी दिलचस्पी थी। एक शादी में डायरेक्टर डी पंचोली से मुलाकात हुई जिसके बाद उन्होंने ओम प्रकाश को ‘दासी’फिल्म के जरिये फिल्मों में पहला ब्रेक दिया।
बॉलीवुड के दद्दू
इसके बाद लखपति में ओम प्रकाश ने विलेन का रोल किया लोगों का दिल जीत लिया। इसके बाद लाहौर, चार दिन और रात की रानी जैसी फिल्मों में काम कर उन्होंने अपनी कला को साबित किया। ओम प्रकाश की जोड़ी अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र के साथ खूब जमी। जंजीर, शराबी और चुपके जैसी हिट फिल्मों में उन्होंने दमदार काम किया। बॉलीवुड में उन्हें ‘दद्दू’के नाम से भी जाना जाता है।
अंतिम सांस
बता दें कि उन्होंने300 से ज्यादा फिल्में की। एक्टिंग के साथ साथ ओम प्रकाश ने फिल्म निर्माण में भी हाथ आजमाया। उन्होंने संजोग, जहांआरा और गेटवे आफ इंडिया जैसी फिल्में बनाईं। लेकिन दिल का दौरा पड़ने के बाद वह कोमा में चले गए और 21 फरवरी, 1998 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।