वनराज अपने कैफे के पैंपलेट सड़कों पर बांट रहा होता है. इतने में राखी और पारितोष वहां से गुजरते हैं और वनराज को पैंपलेट बांटते देख हैरान रह जाते हैं. र
वनराज अपने कैफे के पैंपलेट सड़कों पर बांट रहा होता है. इतने में राखी और पारितोष वहां से गुजरते हैं और वनराज को पैंपलेट बांटते देख हैरान रह जाते हैं. राखी दवे घर में आकर बवाल मचाती है और घरवालों को उल्टा-सीधा बोलती है.
राखी शाह परिवार कई तरह के ताने देती है. इस पर पारितोष कहेगा कि उसे अपनी फैमिली पर शर्म आती है. काव्या अनुपमा के लिए अपशब्द कहती है. वहीं राखी दवे अनुपमा पर इल्जाम लगाती है कि वो जानबूझ कर वनराज के करीब आने की कोशिश कर रही है. यह सब सुनकर बा का गुस्सा फूट पड़ता है. राखी फिर भी हंगामा करने से बाज नहीं आती है और लगातार लड़ाई होती जाती है.
अनुपमा काव्या (Anupamaa Kavya Fight) से पूछती है कि क्या उसे इस बात से दिक्कत है कि वनराज उसके साथ काम करता है? और काव्या इसका जवाब हां में देती है. इस पर अनुपमा काव्या और वनराज को घर से बाहर निकलने के लिए कहती है. यह सुन कर काव्या के पैरों तले जमीन खिसक जाती है. काव्या को समझ में आता है कि उससे गलती हो गई और वो अनुपमा का गुस्सा शांत करने की कोशिश करती है. इस पर अनुपमा काव्या को चुप रहने की सलाह देती है और आगे से चरित्र पर सवाल उठाने से भी मना करती है.
अनुपमा वनराज (Anupamaa Vanraj) की मदद करने के लिए मना कर देगी और इस पर काव्या कहेगी कि कोई उसके साथ दे या ना दे लेकिन वो हमेशा वनराज के साथ खड़ी रहेगी.