देश की विभूति पंडित राजन मिश्र को राजधानी में वेंटिलेटर तक न मिल सका, थम गईं सांसें

HomeNews

देश की विभूति पंडित राजन मिश्र को राजधानी में वेंटिलेटर तक न मिल सका, थम गईं सांसें

हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के दिग्गज पंडित राजन मिश्र का रविवार को कोरोना से निधन हो गया। ख्याल गायकी के बडे़ पुरोधा राजन मिश्र को वक्त पर वेंटिलेटर

क्या सुशांत सिंह राजपूत के गम में उनके कुत्ते ने भी दम तोड़ा? जानिए क्या है सच्चाई
सुशांत सिंह राजपूत ने नहीं किया था सुसाइड | loopholes which show sushant singh rajput dint die by suicide
सुशांत सिंह राजपूत के परिवार से पटना में मिले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, हुई बातचीत, देंखे PICS legislation minister ravishankar prasad attain sushant singh rajput dwelling meet household

हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के दिग्गज पंडित राजन मिश्र का रविवार को कोरोना से निधन हो गया। ख्याल गायकी के बडे़ पुरोधा राजन मिश्र को वक्त पर वेंटिलेटर नहीं मिल सका, जिससे उन्हें बचाया नहीं जा सका। सेंट स्टीफन अस्पताल में भर्ती बनारस घराने के 70 वर्षीय राजन मिश्र वायरस से संक्रमित होने के बाद किडनी की समस्या से ग्रस्त हो गए थे। पद्म भूषण से सम्मानित मिश्र को चार दिन पहले ही अस्पताल की चौथी मंजिल स्थित वार्ड में भर्ती किया गया था।

परिजनों ने बताया कि किडनी की समस्या होने पर राजन मिश्र का डायलिसिस किया गया। उन्हें रविवार सुबह दिल का दौरा पड़ा, जिसके चलते उनकी तबीयत बिगड़ गई। आनन-फानन में डॉक्टरों को उन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ा, लेकिन अस्पताल में एक भी वेंटिलेटर खाली नहीं था। यहां मौजूद सभी छह वेंटिलेटर पर मरीज पहले से ही भर्ती थे। डॉक्टरों ने परिजनों से कहा कि मरीज को तत्काल वेंटिलेटर की जरूरत है,  लेकिन उनके यहां उपलब्ध नहीं है।

इसके बाद परिजनों ने कई अस्पतालों में संपर्क भी किया, मगर उन्हें वेंटिलेटर खाली नहीं मिला। इसी बीच रविवार दोपहर को दोबारा से उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनका ब्लड प्रेशर 90/60 तक जा पहुंचा। अभी परिजन वेंटिलेटर की तलाश कर ही रहे थे कि सोशल मीडिया पर भी उनकी मदद मांगनी शुरू हो गई। कुछ ही देर में यह पता चला कि ताहिरपुर स्थित राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी और सर गंगाराम अस्पताल में वेंटिलेटर मुहैया कराने के लिए प्रयास चल रहे हैं। दिल्ली और केंद्र सरकार के कुछ मंत्री व नेता भी फोन पर संपर्क में थे। राजन मिश्र ने 15-20 दिन पहले ही टीके की पहली खुराक ली थी।

इसी बीच परिजनों से सर गंगाराम अस्पताल के चेयरमैन डॉ. डीएस राणा की बात हुई और उन्हें एक वेंटिलेटर की व्यवस्था करने पर सहमति जताई। इसके बाद आनन-फानन में तत्काल एंबुलेंस भी मरीज को लेने के लिए अस्पताल में पहुंच गई, मगर तब तक पता चला कि मरीज की हालत काफी गंभीर है और उन्हें दूसरे अस्पताल नहीं भेजा जा सकता। आपातकालीन विभाग के ठीक सामने पार्किंग और अस्पताल के पूछताछ केंद्र के बीच ही परिजन दिन भर हताश होते रहे। शाम को एंबुलेंस आने और वेंटिलेटर आरक्षित होने के बाद भी करीब साढ़े छह बजे राजन मिश्र ने अंतिम सांस ली। इस दौरान राजन मिश्र के भाई साजन मिश्र भी मौजूद थे। अस्पताल के पूछताछ केंद्र से पता चला कि उनके यहां वेंटिलेटर की काफी वेटिंग है। आईसीयू बेड भी खाली नहीं हैं।

शास्त्रीय गायन की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले पंडित राजन मिश्र जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। बनारस घराने से जुड़े मिश्र जी का जाना कला और संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। -नरेंद्र मोदी, पीएम