Sushant Singh Rajput Case: ड्रग्स मामले की जांच कर रहे NCB चीफ ‘मेडल फॉर एक्सीलेंस इन इन्वेस्टिगेशन’ से सम्मानित

HomeNews

Sushant Singh Rajput Case: ड्रग्स मामले की जांच कर रहे NCB चीफ ‘मेडल फॉर एक्सीलेंस इन इन्वेस्टिगेशन’ से सम्मानित

सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले से सामने आए ड्रग मामले पर काम कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुंबई के जोनल डायरेक्टर समीर डी वानखेड़े को 'मेडल

‘We’re planning to renew the shoot of Sadak 2 by first week of July. We must construct a small set for the track’: Mukesh Bhatt – bollywood
महाराष्ट्र रेव पार्टी: ‘बिग बॉस’ के घर में रहने वाली हिना पहुंचीं जेल, मेडिकल रिपोर्ट से तय होगी ‘सजा’
राणा दग्गुबाती मिहिका बजाज की शादी की रस्में शुरू, देखिए तस्वीरें | Rana daggubati and miheeka bajaj pre wedding ceremony festivities kickstart, see pics

सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले से सामने आए ड्रग मामले पर काम कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुंबई के जोनल डायरेक्टर समीर डी वानखेड़े को ‘मेडल फॉर एक्सीलेंस इन इन्वेस्टिगेशन’ से सम्मानित किया गया है।

वानखेड़े और उनकी टीम सितंबर 2020 से बॉलीवुड में ड्रग्स रैकेट की जांच की अगुवाई कर रही है। उनकी टीम ने ड्रग्स के धंधे से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया और सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शोविक चक्रवर्ती के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की। दोनों फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, उनके अधीन काम कर रहे एनसीबी ने मामले के संबंध में दीपिका पादुकोण, सारा अली खान, श्रद्धा कपूर, रकुल प्रीत सिंह और कई अन्य बॉलीवुड ए-लिस्टर्स से भी पूछताछ की जा चुकी है।

इसके अलावा, टीम ने कथित तौर पर जांच शुरू करने के बाद से कई ड्रग लॉर्ड्स और ड्रग किंगपिनों तक शिकंजा कसा गया। बता दें कि इस पदक को उन्हें दिया जाता है जो अपराध की जांच के उच्च पेशेवर मानकों को बढ़ावा देते हैं। 2018 से इस ऑवर्ड को शुरू किया गया है।

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में ताजा अपडेट ये है कि एक विशेष एनडीपीएस अदालत ने राजपूत के फ्लैटमेट सिद्धार्थ पिथानी को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसे एनसीबी ने इस साल 28 मई को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था और वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है।

उस पर अन्य आरोपों के साथ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम की धारा 27 (ए) (अवैध यातायात को वित्तपोषित करना और अपराधियों को शरण देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पिठानी ने यह दावा करते हुए जमानत मांगी थी कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है। जमानत अर्जी में कहा गया है कि उसके पास कभी भी कोई मादक पदार्थ नहीं पाया गया और उसके पास से मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल होने का संकेत देने वाला कुछ भी नहीं मिला।

हालांकि, विशेष लोक अभियोजक अद्वैत सेठना ने तर्क दिया कि पिथानी के सेल फोन से आपत्तिजनक तस्वीरें, वीडियो और अन्य सामग्री बरामद की गई, जिससे पता चलता है कि जब वह सुशांत के साथ रहता था तो वह बड़ी मात्रा में ड्रग्स की खरीद करता था।