प्रख्यात फिल्म निर्देशक बुद्धदेब दासगुप्ता का उम्र संबंधी बीमारियों के चलते आज निधन हो गया, वो 77 साल के थे।बुद्धदेब दासगुप्ता के परिवार के सदस्यों ने
प्रख्यात फिल्म निर्देशक बुद्धदेब दासगुप्ता का उम्र संबंधी बीमारियों के चलते आज निधन हो गया, वो 77 साल के थे।बुद्धदेब दासगुप्ता के परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी। उनके परिवार में उनकी पत्नी और उनकी पहली शादी से दो बेटियां हैं। परिवार के सदस्यों ने बताया कि राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक लंबे समय से किडनी की बीमारी से ग्रस्त थे और हर हफ्ते दो बार उनका नियमित रूप से डायलासिस होता था।
उनके निधन से पूरे फिल्म जगत में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा- बुद्धदेव दासगुप्ता के निधन से व्यथित हूं। उनके विविध कार्यों ने समाज के सभी वर्गों के साथ तालमेल बिठाया। वे एक प्रख्यात विचारक और कवि भी थे। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। शांति।
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। बनर्जी ने ट्विटर पर कहा, ‘प्रख्यात फिल्मकार बुद्धदेव दासगुप्ता के निधन से दुखी हूं। अपने काम के जरिए उन्होंने सिनेमा की भाषा को अनूठी बना दिया। उनका निधन फिल्म समुदाय के लिए बड़ा नुकसान है। उनके परिवार, सहयोगियों एवं प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं।’
फिल्मकार गौतम घोष ने कहा, ‘बुद्ध दा खराब सेहत के बावजूद फिल्म बना रहे थे, लेख लिख रहे थे और सक्रिय थे। उन्होंने स्वस्थ न होते हुए भी टोपे और उरोजहाज का निर्देशन किया। उनका जाना हम सबके लिए बहुत बड़ा नुकसान है।’
बता दें कि 1980 और 1990 के दशक में गौतम घोष और अपर्णा सेन के साथ बुद्धदेव दासगुप्ता बंगाल में पैरलेल सिनेमा लेकर आए थे। अबतक दासगुप्ता की पांच फिल्मों को बेस्ट फीचर फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है। इसके अलावा दो फिल्मों के लिए उन्हें बेस्ट डायरेक्टर के लिए नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।