देश को हिला देने वाली सच्ची घटना पर बनी है ज़ी5 की फ़िल्म ‘200’, टीज़र में दिखी झलक

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देश को हिला देने वाली सच्ची घटना पर बनी है ज़ी5 की फ़िल्म ‘200’, टीज़र में दिखी झलक

Zee5 ने अपनी अगली फ़िल्म 200 का टीज़र रिलीज़ कर दिया है। हाल ही में फ़िल्म की घोषणा की थी। 200 एक सच्ची घटना से प्रेरित फ़िल्म है, जिसने कुछ साल पहले

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Zee5 ने अपनी अगली फ़िल्म 200 का टीज़र रिलीज़ कर दिया है। हाल ही में फ़िल्म की घोषणा की थी। 200 एक सच्ची घटना से प्रेरित फ़िल्म है, जिसने कुछ साल पहले पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। टीज़र में फ़िल्म में दिखायी जा रही घटना की झलक मिलती है। फ़िल्म में हिंदी सिनेमा के वेटरन एक्टर अमोल पालेकर भी एक अहम किरदार में नज़र आएंगे। फ़िल्म अगस्त में रिलीज़ होने वाली है। हालांकि, अभी डेट का एलान नहीं किया गया है।

प्लेटफॉर्म ने टीज़र सोशल मीडिया में शेयर किया है, जिसमें सभी प्रमुख किरदारों की झलक दिखायी गयी है। अमोल पालेकर के साथ रिंकू राजगुरु, बरुण सोबती और साहिल खट्टर अहम किरदारों में नज़र आ रहे हैं। टीज़र की शुरुआत अदालत के दृश्य से होती है और वॉयसओवर में बताया जाता है- इससे पहले कि अदालत का काम शुरू होता, 200 महिलाओं का झुंड अदालत में घुस आया। अमोल पालेकर की आवाज़ में कहा जाता है कि यह मर्डर नहीं है, इसे एक्ज़ीक्यूशन कहते हैं, जो फ़िल्म के मिज़ाज को समझने के लिए काफ़ी है।

फ़िल्म का निर्देशन सार्थक दासगुप्ता ने किया है। फ़िल्म में सलोनी बत्रा, इंद्रनील सेनगुप्ता और उपेंद्र लिमये भी अहम किरदारों में नज़र आएंगे। फ़िल्म का निर्माण सारेगामा की फ़िल्म डिवीज़न यूडली फ़िल्म्स ने किया है। फ़िल्म की रिलीज़ डेट का अभी एलान नहीं किया गया है।

सार्थक दासगुप्ता ने कहा- “मैं आभारी हूं कि मुझे सिनेमा के माध्यम से अपने क्राफ़्ट का उपयोग करने का अवसर मिला ताकि महिलाओं को असमानता और अन्याय के ख़िलाफ़ उनकी लड़ाई में समर्थन दिया जा सके। ‘200 – हल्ला हो’ ऐसी चीज़ों के बारे में हमारी सामूहिक चेतना को जगाने में योगदान देने का मेरा तरीका है।

मेकर्स ने अभी इस घटना के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, मगर 2004 में महाराष्ट्र के नागपुर में ऐसी घटना हुई थी, जहां अकु यादव नाम के एक दुष्कर्मी को 200 महिलाओं ने अदालत के अंदर जान से मार डाला था। इस दुष्कर्मी ने कई बच्चियों को भी अपना शिकार बनाया था। यह घटना काफ़ी चर्चित रही थी और इस पर किताबें भी लिखी गयीं। स्वाति मेहता ने किलिंग जस्टिस- विजिलांटिज़्म इन नागपुर शीर्षक से किताब लिखी थी।