करीना कपूर ख़ान ने कज़िन और वेटरन एक्टर शशि कपूर के पोते ज़हान कपूर की डेब्यू फ़िल्म का नाम और फ़र्स्ट लुक रिवील कर दिया गया है। फ़िल्म का शीर्षक फ़रा
करीना कपूर ख़ान ने कज़िन और वेटरन एक्टर शशि कपूर के पोते ज़हान कपूर की डेब्यू फ़िल्म का नाम और फ़र्स्ट लुक रिवील कर दिया गया है। फ़िल्म का शीर्षक फ़राज़ है और इसमें ज़हान के साथ परेश रावल के बेटे आदित्य रावल अहम किरदार में नज़र आएंगे।
फ़राज़ की कहानी एक जुलाई 2016 को ढाका में एक कैफे पर हुए आतंकी हमले की सच्ची घटना से प्रेरित है। पांच युवा आतंकवादियों ने कैफे में तोड़फोड़ की थी और लगभग 12 घंटों तक 50 से अधिक लोगों को बंधक बनाकर रखा था।
फ़राज़ का मोशन पोस्टर इसी घटना की झलकियों को दिखाता है, जिसमें लपटों में घिरा एक कैफे नज़र आता है और कुछ आकृतियां दिखती हैं। आवाज़ आती है- इंसान जब मज़हब के नाम पर मारेगा ना, वो मज़हब को मारेगा, इंसानियत को मारेगा।
फ़िल्म का मोशन पोस्टर शेयर करते हुए करीना ने भाई को डेब्यू के लिए शुभकामनाएं दीं। करीना ने लिखा- जब रात अंधेरी हो और विश्वास सबसे चमकदार। फ़राज़ का फ़र्स्ट लुक पेश है। बांग्लादेश में 16 जुलाई को हुए अटैक पर आधारित। बेहतरीन फ़िल्मकारों अनुभव सिन्हा, हंसल मेहता और भूषण कुमार द्वारा, जो एक हीरो की अद्भुत कहानी है। मानवता में आपका यक़ीन पुख्ता करेगी। ज़हान, शुभकामनाएं। तुम पर गर्व है और बड़े पर्दे पर तुम्हें देखने का इंतज़ार है।
निर्देशक हंसल मेहता ने फ़िल्म को लेकर कहा, “फ़राज़ मानवता और हिंसक विरोधाभास का सामना करने की कहानी है । एक ओर यह सच्ची घटनाओं पर आधारित है, वहीं एक गहरी व्यक्तिगत कहानी भी है, जिसे मैंने लगभग 3 साल के लिए अपने दिल के करीब रखा है।”
फ़िल्म का निर्माण अनुभव सिन्हा और भूषण कुमार ने किया है। अनुभव सिन्हा ने कहा, “फ़राज़ एक ह्यूमेन स्टोरी है, जो मॉडर्न हिस्ट्री के सबसे काले दिनों में से एक पर आधारित है। यह एक ऐसी फ़िल्म है, जो हमारे दिल के करीब है। नए अभिनेताओं को लॉन्च करने से लेकर फ़िल्म का सही लुक पाने तक, हमने इस कहानी को सस्पेंस और रोमांचकारी रखते हुए सरलता से भरने की पूरी कोशिश की है। यह एक ऐसी फ़िल्म है, जो दर्शकों को उस रात जो हुआ उसे गहराई से रोमांचकारी रूप देगी। जितनी यह आशा और विश्वास की कहानी है, उतनी ही यह आतंक और नुकसान की कहानी भी है।”
भूषण कुमार ने फ़िल्म को लेकर कहा, “जब हम फ़राज़ जैसी फ़िल्म बना रहे हैं, जो इस भीषण हमले पर बनी पहली मुख्यधारा फ़िल्म है, हमारी यह ज़िम्मेदारी है कि हम इस घटना को ज़िम्मेदारी के साथ प्रदर्शित करें। हमारा प्रयास यही है कि यह फ़िल्म उस दर्दनाक दिन के दर्द को जस्टीफ़ाई करे और यह फ़िल्म दर्शकों के लिए एक रोमांचक अनुभव बने।